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भारत में पैसिव इनकम कैसे कमाएं | How to Make Passive Income in India

Passive Income क्या है?

How to Make Passive Income in India : Passive Income यानी निष्क्रिय आए होता है , यह आय का ऐसा स्रोत है जिसे हम बार-बार काम नहीं करना पड़ता है जो कुछ समय मेहनत करने के बाद या कुछ संपत्ति इन्वेस्ट करने के बादआपको नियमित रूप से यह आए प्राप्त होता है| 

भारत में पैसिव इनकम के लोकप्रिय तरीके | popular ways of passive income in India

1. स्टॉक मार्केट में निवेश (Investing in Stock Market)

  • डिविडेंड आय के लिए शेयर खरीदें

Dividend Income एक ऐसा income स्रोत है जिसे हम शेयर बाजार में निवेश करके पैसे इनकम के रूप में प्राप्त कर सकते हैं Dividend कंपनी का वह हिस्सा है जो शारेधार को को अपने मुनाफे में से देती है |  

कंपनी का मुनाफा: जब कोई कंपनी लाभ कमाती है, तो वह अपने मुनाफे का एक हिस्सा अपने निवेशकों को डिविडेंड के रूप में देती है।

शेयरधारक को भुगतान: जिन निवेशकों के पास उस कंपनी के शेयर हैं, उन्हें प्रति शेयर डिविडेंड दिया जाता है।

नियमित भुगतान: डिविडेंड आमतौर पर तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर दिया जाता है।

यह भी पढ़े : Basic Knowledge of Trading for Students in hindi

  • SIP और म्यूचुअल फंड्स में निवेश

SIP (Systematic Investment Plan) और म्यूचुअल फंड्स पैसिव इनकम का स्मार्ट तरीका है है जो कम रिस्क में लंबे समय तक पैसे इनकम प्रदान कर सकते हैं या उन लोगों के लिए बेस्ट है जो नए-नए निवेश की दुनिया में है 

SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश का एक व्यवस्थित तरीका है। इसमें आप नियमित अंतराल (महीने या तिमाही) पर एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। SIP आपके निवेश को अनुशासनबद्ध बनाता है और बाजार के उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम करता है।

म्यूचुअल फंड्स एक ऐसा वित्तीय साधन है, जिसमें कई निवेशकों का पैसा इकठ्ठा किया जाता है और फिर उसे विशेषज्ञ फंड मैनेजर द्वारा विभिन्न परिसंपत्तियों (जैसे शेयर, बॉन्ड, और सरकारी प्रतिभूतियां) में निवेश किया जाता है।

2. रियल एस्टेट में निवेश

  • Rental Properties से मासिक आय

Rental Properties से मासिक आय क स्थिर Passive Income का स्रोत बन सकता है, लेकिन इसे सही ढंग से प्रबंधित करना और समझदारी से निवेश करना जरूरी है।

रेंटल प्रॉपर्टीज से मासिक आय कमाने के तरीके: प्रॉपर्टी खरीदना ,प्रॉपर्टी का सही प्रकार चुनें, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट, किराया तय करना, कानूनी प्रक्रिया और अनुबंध, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग, आय की गणना, टैक्स की योजना बनाएं

फायदे: नियमित और स्थिर आय स्रोत, प्रॉपर्टी की कीमत में भविष्य में वृद्धि, निवेश पर बेहतर रिटर्न

चुनौतियां: प्रॉपर्टी मैनेजमेंट की जिम्मेदारी, सही किरायेदार खोजने में समय लग सकता है, कानूनी मुद्दों का सामना करना

  • रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) रियल एस्टेट में निवेश का एक आसान और आकर्षक विकल्प हैं, जो विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो सीधे संपत्ति खरीदने के बजाय अपनी पूंजी को Diversity देना चाहते हैं।

रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) एक प्रकार का निवेश वित्तीय साधन है जो व्यक्तियों को Commercial Real Estate संपत्तियों में निवेश करने का एक आसान और सुलभ तरीका प्रदान करता है। इन ट्रस्टों का मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी का संचालन करके किराया और संपत्ति की मूल्य वृद्धि से प्राप्त आय को निवेशकों के बीच बाँटना है।

  1. लिक्विडिटी: शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के कारण, REITs में निवेश जल्दी और आसानी से खरीदे या बेचे जा सकते हैं।
  2. विविधता: REITs में निवेश करके, आप विभिन्न प्रकार की वाणिज्यिक संपत्तियों में अपना पैसा लगा सकते हैं, जैसे ऑफिस, मॉल, होटल आदि।
  3. सुसंगत आय: REITs नियमित रूप से किराया और अन्य आय का वितरण करते हैं, जिससे निवेशकों को स्थिर आय मिलती है।
  4. पेशेवर प्रबंधन: REITs का प्रबंधन पेशेवर प्रबंधकों द्वारा किया जाता है, जो प्रॉपर्टी का सर्वोत्तम उपयोग और संचालन सुनिश्चित करते हैं।

अगर आप रियल एस्टेट में निवेश करना चाहते हैं लेकिन प्रॉपर्टी खरीदने, रखरखाव, और किरायेदारों के प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते, तो REITs आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

3. ब्लॉगिंग और कंटेंट क्रिएशन

ब्लॉगिंग और कंटेंट क्रिएशन आज के डिजिटल युग में आय का एक प्रमुख स्रोत बन चुके हैं। यदि आप Quality Content प्रदान कर सकते हैं और सही Strategy अपनाते हैं, तो विज्ञापनों और एफिलिएट मार्केटिंग के जरिए अच्छी कमाई कर सकते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:

  • विज्ञापनों और एफिलिएट मार्केटिंग से कमाई

विज्ञापन ब्लॉगिंग के जरिए आय का सबसे सामान्य तरीका है।

गूगल एडसेंस (Google AdSense), डायरेक्ट स्पॉन्सर्ड विज्ञापन,

  • एफिलिएट मार्केटिंग से कमाई: एफिलिएट मार्केटिंग का मतलब है किसी प्रोडक्ट या सर्विस को प्रमोट करना और हर बिक्री पर कमीशन कमाना।
  • कैसे काम करता है?
  • एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ें।
  • प्रोडक्ट के लिए एक यूनिक लिंक प्राप्त करें।
  • अपने ब्लॉग/वेबसाइट पर लिंक शेयर करें।जब कोई व्यक्ति आपके लिंक से खरीदारी करता है, तो आपको कमीशन मिलता है।

4. यूट्यूब चैनल शुरू करें

यूट्यूब चैनल सेपैसे कमाने के लिए पहले गूगल ऐडसेंस अकाउंट बनाना पड़ता है उसके बाद अपना यूट्यूब चैनल को गूगल ऐडसेंस के द्वारा मोनेटाइज करना पड़ता हैअपने चैनल को मोनेटाइज करने के लिए कम से कम 1000 सब्सक्राइबर होना चाहिए और 1 साल के अंदर 4000 घंटे वॉच टाइम होना चाहिए या 90 दिनों के अंदर  10 million views अपने  Shorts Videos पर  होना चाहिए

स्पॉन्सरशिप से कमाई करने के लिए आपके पास जितना ज्यादा Subscribers और आपकी वीडियो पर Views होता है आप उतना ही ज्यादा कमाई कर सकते है स्पॉन्सरशिप का मतलब है कि ब्रांड्स आपको अपने प्रोडक्ट या सर्विस का प्रचार करने के लिए Payment करते हैं।

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